Tuesday, 25 August 2009

ये ब्लोगर कौन हैं ? (भाग-२३)

इस ब्लोगर पहचान पहेली में प्रति दिन भाग लेकर विजेता बनें और ३० ब्लोगों के जारी हो जाने पर बनें दो पुरस्कारों के विजेता! प्रथम पुरस्कार- १,५००/- , द्वितीय पुरस्कार- १,१००/- (ब्लॉग प्रति दिन नौ से दस बजे रात को जारी होगा )------
------- बताइए ये ब्लोगर कौन हैं -------
--------------------------------------------------
पहेली २२ का सही हल- श्री अजय कुमार झा

--------------------------------------------------
विजेता हैं- श्री अविनाश वाचस्पति (आपको बहुत-बहुत बधाई)

--------------------------------------------------
इनके जवाब भी सही हैं- श्री अलबेला खत्री , संगीता पुरी , ऍम वर्मा !
--------------------------------------------------
( कुल प्राप्त टिप्पणियां-१६ )
--------------------------------------------------
सभी ब्लोगर भाई-बहनों से निवेदन है- इस ब्लॉग पर टिपण्णी देकर केवल फर्ज अदा न करें, सही जवाब भी देने की भी कोशिश करें, ये ब्लॉग आपका अपना है, आप अपनी टिप्पणियों द्वारा अपने अन्य ब्लोगर भाई से चाहे तो हल्का मजाक-मस्ती कर सकते हैं, इसकी छुट है, हाँ, इस बात का ख्याल रखें की आपके द्वारा किसी के दिल को ठेस न पहुंचे, प्यार दीजिये, प्यार पाइए, यही इस ब्लॉग का मकसद है, आपका ही स्नेह इस ब्लॉग को शिखर पर ले जा रहा है, मैं आप सभी का अत्यंत आभारी हूँ, धन्यवाद!
------------------------------------------------------
श्री विवेक भाई , आपकी शिकायत सही है, हमें बेहद अफ़सोस है की आपका नाम पहेली-२१ में सही जवाब की सूचि में छुट गया था, पर जब पुरस्कार देने का समय आएगा तो आपका सही जवाब शामिल जरूर किया जायेगा! और,विजेता का नाम लाटरी के द्वारा खोला जाता है, सबसे पहले सही जवाब के आधार पर नहीं, आपसे प्राथना है इस ब्लॉग पर दादागिरी जैसे शब्दों का इस्तेमाल ना करें, आप प्यार भरे शब्दों का इस्तेमाल अपनी शिकायत में भी करें, आपकी बात सुनी जायेगी, राजीव भाई, आपको शिकायत है की मैंने आपको बकरा बना डाला, तो ठीक है, आपको अगली बार दुल्हनिया बनाकर पेश करेंगे॥ये वादा रहा!
------------------------------------------------

29 comments:

  1. सभी दोस्तों की दुआ का असर है, आज हम बेहतर महसूस कर रहें हैं...आप सभी का आभार..!

    ReplyDelete
  2. सच्चा शरणम् हिमांशु । Himanshu

    ReplyDelete
  3. क्या वर्मा भाई साहब, कैच लपकने के लिए पहले से ही तैयार रहते है क्या..?

    ReplyDelete
  4. सच्चा शरणम् ब्लाग वाले हिमांशु जी

    ReplyDelete
  5. अम्पायर तो आप है कही नो बाल न दे दे

    ReplyDelete
  6. अविनाश वाचस्‍पति जी को बधाई !!

    ReplyDelete
  7. खूबसूरत लग रहे हैं बहुत ही ।

    ReplyDelete
  8. लगता है हिमांशु खुद अपनी खूबसूरती पर मोहित हो रहे है. सुरेश जी यह आपका ही कमाल है.

    ReplyDelete
  9. भाई विवेकजी की बात सही है............
    मैं भी सहमत हूँ .........और इसलिए सहमत हूँ कि मेरे साथ भी
    कई बार ऐसा हुआ ..खासकर तनेजा जी को मैंने सबसे पहले पहचाना
    और अजय कुमार झा को भी मैंने ही सबसे पहले पहचाना लेकिन
    मिला क्या ठन ठन गोपाल ?

    अपना इतिहास देखो... ऐसा कई बार मेरे साथ हो गया ..और मैं
    "हम वफ़ा कर के भी तनहा..." वाले स्टाइल में ..कारवां गुज़र
    गया गुब्बार देखते रहे............

    और ये लॉटरी क्या होती है ?
    लॉटरी यानी जुआ !
    जुआ किसका हुआ ?
    न मेरा हुआ ..न विवेकजी का हुआ .............

    लेकिन समस्या ये है कि जो मेरे जैसा फालतू या निट्ठला होगा
    वो तो पहले उत्तर देदेगा इसलिए भी दे देगा क्योंकि यहाँ कभी
    बिजली गुल नहीं होती.........लेकिन जहाँ बिजली की समस्या है,
    वहाँ के लोगों को भी तो पूरा पूरा हक़ है भाई इसमे भाग लेने का.....

    मानलो किसी ने देखा ही सबसे बाद में तो क्या वह सिर्फ़ इस
    लिए विजेता बनने से वन्चित रह जाए कि उसने सबसे पहले उत्तर
    नहीं दिया....

    कुल मिला के मामले में कई लफड़े हैं अपन लफड़े में क्यों पड़े हैं ?
    जैसे चल रहा है चलने दो
    दिया जल रहा है जलने दो

    रौशनी किसी तक तो पहुँचेगी ही................हा हा हा हा हा हा हा
    मज़े करो यार................

    ReplyDelete
  10. हिमांशु जी ही हैं

    ReplyDelete
  11. बहुत शिकायत करते थे, आज खुद कहाँ गायब है..?.....अविनाश वाचस्पति हाजिर हो हो हो .....!

    ReplyDelete
  12. हिमांशु...
    चलो डैढ़ हज़ार का जुगाड़ हो गया

    ReplyDelete
  13. आज बाहर शापिंग करने क्‍या चला गया
    मतलब जाना पड़ा न जाता तो पक्‍का जाना ही पड़ता
    आपने बिना प्‍लेन लैंस लगाकर आंखों में झांकने का
    पूरा अवसर दिया, पर
    मैं आया हूं लेट
    चित्र देखते ही आए हैं ऐसे आंसू
    जो हिम हो गए
    हिमांशु जी हाजिर हो गए
    हा हम हाजिर क्‍यों न हुए
    क्‍या आज पहेली लेट नहीं हो सकती थी
    या लेट ही जाती पहले की तरह
    पर कोई बात नहीं
    इनाम तो हमें ही मिलेगा
    न मिला इनाम
    तो नाम तो मिल ही रहा है
    वो भी चलेगा
    बल्कि दौड़ेगा
    और भी तेज गति से।

    ReplyDelete
  14. @ अलबेला खत्री
    जिसके पास गोपाल
    कम नहीं उसके पास माल
    वो तो हुआ मालामाल
    न कि ठन ठन गोपाल
    आप तो ठन ही गए

    आगे से नियम बनाएं
    जो बिजली न होने
    अथवा महंगी होने से
    भाग न ले पाएं
    प्रमाण पत्र देखकर
    उनकी भी पर्ची डाली जाए
    पर उस पर्ची पर नाम न हो
    निकल जाए अगर तो मलाल न हो

    और जो सारे समाज में
    चल रहे हैं नियम
    वे यमराज ने बनाए हैं
    इसलिए सुरेश शर्मा से बदलवाए हैं

    सहमति है मेरी :
    जैसे चल रहा है चलने दो
    दिया जल रहा है जलने दो

    अति सुंदर, मन भावन।

    ReplyDelete
  15. अविनाश जी को बहुत-बहुत बधाई...इनको तो मैँ पहचान नहीं पाया ...लगता है मँहगाई के इस दौर में नया चश्मा लेना पड़ेगा...

    ReplyDelete
  16. मुझे बधाई देना मत भूलें
    इसी बहाने आपकी टिप्‍पणियां आकाश छू लें
    और मिलें 15 सौ
    इस मत जाना सो
    बधाई देने से पहले।

    ReplyDelete
  17. अलबेला भाई, आप भी शिकायत कर बैठे ? एक बात तो तय है की सभी को एक साथ खुश नहीं किया जा सकता है, जहां तक मेरी बात है तो मै पूरी इमानदारी से अपना कर्तव्य निभा रहा हूँ, अगर सबसे पहले सही जवाब को विजेता घोषित कर दिया तो बाकी बाद में जो सही टिप्पणियां भेजते हैं, उनके साथ बेइंसाफी ही होगी, मेरी लाटरी को जुए का नाम ना दें, वैसे है तो जुआ ही, पर इसमें पैसे किसी के नहीं डूबते, मैं तो सभी विजेताओं के नाम की पर्ची बनाता हूँ फिर एक पर्ची उठा लेता हूँ , जिसकी तक़दीर में विजेता बनना होता है बन जाता है, वैसे आपने भी बाद में जवाब दिया है और विजेता बने हैं, मेरे पास सबूत है!

    ReplyDelete
  18. शर्मा जी कहां अलबेला जी के चक्‍कर में आ गए
    वे तो इस बहाने अपनी टिप्‍पणियां बढ़ा रहे हैं
    आप देख रहे हैं उनकी टिप्‍पणियां बाढ़ की तरह आ रही हैं
    उनको भी और सबको भिगा रही है, गिला नहीं गीला रही हैं।

    ReplyDelete
  19. अविनाशजी,
    भाई सारी की सारी टिप्पणियां आप ले लो
    मुझे तो बस वह समोसे दो और खिला दो
    जो आपने अपने घर में खिलाये थे...
    अरे वही जो आदरणीय भाभीजी ने मंगवाए थे
    और कविवर पवन चन्दनजी लाये थे...

    चंदनजी का भी जवाब नहीं
    जैसा नाम वैसा स्वभाव ........
    आप दोनों का सद्भाव
    और आपसी लगाव स्तुत्य है
    पर वे समोसे वाकई प्रस्तुत्य है
    हा हा हा हा हा आहा

    ReplyDelete
  20. दोस्तों, बस एक सप्ताह के बाद दो-दो विजेता के नामों की घोषणा होगी, १५००/- व १,१००/- की इनाम राशि जितनी है तो आइये इस ब्लॉग पर ज्यादा से ज्यादा टिपण्णी दर्ज करें और बनें भाग्यशाली विजेता !

    ReplyDelete
  21. अविनाश भाई, आपका १००/- का पुरस्कार भेजा जा रहा है, सभी (इस ब्लॉग पर आने वाले ) दोस्तों को लड्डू खिलने के लिए तैयार रहें, मुझे देर से पता चल पाया की समीरजी की कल वैवाहिक वर्ष-गाँठ थी, एक दिन लेट हो गया हूँ, पर उन्हें बधाई तो देनी ही है, समीर भाई आपको बहुत-बहुत बधाइयाँ ...!

    ReplyDelete
  22. समीरजी को शादी की सालगिरह पर ढेरों शुभ कामनाएं व बधाईयाँ..!

    ReplyDelete
  23. अगर ब्लॉग छोड़ने में देर हो तो समझियेगा, नेट स्लो है, इन्तजार कीजियेगा, देर से ही सही पर हम आयेंगे जरूर, वर्माजी, कैच करने को तैयार रहिएगा.:) :) :) !

    ReplyDelete
  24. नेट स्लो क्यो है? लगता है आप मैच से पहले नेट प्रैक्टिस नही करते.

    ReplyDelete
  25. नेट स्‍लो प्रेक्टिस न करने की वजह से नहीं
    स्‍लो प्रेक्टिस करने की वजह से है बंधु
    पर यह आंखें छिपाने में हो जाते हैं इतने व्‍यस्‍त
    कि अपने स्‍वास्‍थ्‍य का भी नहीं रख पा रहे हैं ध्‍यान हैं
    इसलिए घंटों दिनों रहते अंतर्ध्‍यान हैं
    इसमें किसी का दोष नहीं है
    यह तो प्रभु की लीला है
    इंसान इंसान है, नहीं देवता रंगीला या अलबेला है।

    ReplyDelete
  26. सुरेश जी आपकी टिप्पणिया भी कम नही है
    कही 1500 वाले इनाम पर निगाह तो नही है?

    ReplyDelete
  27. @ अलबेला जी जो समोसे आपने खाए थे

    वे हम नहीं लाए थे

    हम तो खुद आपके साथ खाने आए थे

    और देखा था आपने हमने भी खाए थे

    और खाते रहते हैं

    आते रहते हैं

    आप भी आते रहिए

    और अविनाश जी के यहां के

    समोसे खाते रहिए।

    ReplyDelete