-------------------------------------------------------
पहेली- 10 का सही हल- श्री अविनाश वाचस्पति
पहेली- 10 का सही हल- श्री अविनाश वाचस्पति
-------------------------------------------------------
-------------------------------------------------------
खेद है की आज हम इन्तजार करते रह गए पर अंतिम समय तक भी सही जवाब प्राप्त नहीं हुआ! (आज विजेता कोई नहीं)
-------------------------------------------------------
सभी दोस्तों से आग्रह है की केवल फर्ज अदायगी न करें, ब्लॉग में दिलचस्पी लें, ध्यान से चेहरे को पहचानने की चेष्टा करें, ये ब्लॉग आप सभी का है इस ब्लॉग पर कुछ देर प्रतिदिन आकर थोडा हंस-बोल लें, मन खुश हो जाये तभी जाना, मेरा तो यही मानना है- प्यार बांटते चलो। .प्यार बांटते चलो, क्या हिदू क्या मुसलमान,हम सब हैं भाई-भाई..प्यार बांटते चलो...आप सभी का आभार !
-------------------------------------------------------
इस ब्लॉग के प्रति जो प्यार आपका मिल रहा है वही मेरी पूँजी है, आप सभी का अत्यंत आभार !------------------------------------------------
(कुल प्राप्त टिप्पणियां - 18)
----------------------------------------------------
sanjeev gautam
ReplyDeleteनमस्कार,वर्माजी! ब्लोग्वानी में छोड़ने से पहले ही आपने धडाक से टिपिया दिया...:) :) यही तो है आपका आपार स्नेह इस ब्लॉग के लिए ...आभार !
ReplyDeleteये ब्लोगर कौन हैं ( ? ) कोष्टक के भीतर पहेली नंबर देंगे तो ठीक रहेगा। हम तो कन्फ्यूजिया रहे हैं। सभी चित्र दाढ़ी, टोपी, मूंछ, लिपिस्टक से भाई बहन ही लग रहे हैं। इससे एक लाभ तो है ब्लॉगजगत में भाईगिरी का विकास हो रहा है। दूसरा लाभ इनाम की राशि बच रही है। पहचानने वाले भी शायद इसीलिए कम आ रहे हैं क्योंकि आंखों को गोता लगा लगा के भी पहचान नहीं पा रहे हैं। या तो क्लू दिया कीजिए या चेहरे पर थोड़ी ड्राइंग कम कीजिए।
ReplyDeleteमुझे तो अजय सक्सेना लग रहे हैं
ReplyDeleteसंजय बेंगाणी
ReplyDeleteसुरेश जी
ReplyDeleteमेरी निगाह तो ईनाम पर है
आजकल मुझे टिपिया फ्लू हो गया है.
ऊपर ही तो हिन्ट है :)
ReplyDeleteकल अविनाश वाचस्पति जी ने तो खुद को पहचान लिया था .. उन्हें विजेता घोषित क्यूं नहीं करते ?
ReplyDeleteसिद्धार्थ जोशी है क्या !!
ReplyDeleteजय हो अविनाश बाबू की..जीत गये. बधाई!!!
ReplyDeletevijeta ko badhaai !
ReplyDeleteवर्मा सरजी,अच्छा ही तो है..टिपिया फ्लू ही स्वाइन फ्लू का तोड़ है, पूरी ब्लोग्वानी में फैलाइए न..:) :) :) !
ReplyDeleteजब सूट टाई हमारी है तो हम ही होंगे. उधार तो देते नहीं अपनी सूट और टाई. :)
ReplyDeleteसंगीता बहनजी, आपने सवाल तो जायज ही उठाया है, पर अविनाशजी ने ही दूसरी टिपण्णी को लाक करने को कहा तो हमने लाक कर दिया और आप तो जानती ही हैं की दूसरा जवाब जानबूझ कर गलत दिया गया था, ऐसा करके अविनाशजी ने तो अपनी शान ही बचाई है..:) :) :).
ReplyDeleteसमीर भैया, आप अविनाशजी के पीछे हाथ धोकर क्यों पड़े हो ? उनसे सौतिया डाह है क्या ? :) :) :) सूट और टाई आपकी है क्या?...तो उतार लीजिये न ..:) :) :) :)
ReplyDeleteअलबेला खत्री भाई, विजेता को बधाई ही देकर छोड़ देते हो, चेहरा पहचानने में टेंशन होती है क्या ?...:) :) :) :)
ReplyDeleteअविनाश जी, आपके सुझाव पर अमल करेंगे, सुझाव के लिए धन्यवाद !
ReplyDeleteबिल्कुल सही
ReplyDeleteयह तो संजय बैंगाणी ही हैं
उनके गले के नीचे का गुटका देखिए
बिना हिले बोल रहा है
बस सुरेश जी ने दांत ही तो छिपाए हैं
मुंह ही तो बंद किया है
उसमें लिपिस्टिक भर दी है
मैं तो कहूंगा पूरी खाली कर दी है
जेवरात भी पहनाए हैं
पर अरहर की दाल के
क्यों नहीं बनवाए हैं
उनकी भौंहे भी राज खोल रही हैं
एक तिरछी दूसरी सीधी झोल रही हैं
अब तो गले के गुटकों
नैन मटक्कों से ही पहचानना होगा
पर सुरेश शर्मा जी आपको
नंबर तो डालना ही होगा।
अगली बार क्यों
ReplyDeleteहरकीरत जी
इस बार की भी बूझो
लिखो पंकज बैंगाणी
बस भी करो अविनाश भाई....हंसा-हंसा के पेट फाड़ डालोगे क्या....:) :) :) :) :) :) :) :) :) अब तो साँस भी नहीं लिया जा :) :) :) रहा है.....दया करो, समीर भाई भी चुटकी पे चुटकी लिए जा रहे हैं..आज सबका होलियाना मूड है क्या ??????????
ReplyDeleteआपके इस ब्लॉग को इन्तजार है आपका, ब्लोगर की फोटो पहचान कर पुरस्कार जीतें! प्रति माह १,५००/- व १,१०० का पुरस्कार दिया जाता है,इस ब्लॉग पर रोज आकर सही जवाब दें विजेता बनें !
ReplyDeleteसंजय बेगाणी लग रहे हैं, अविनाश जी को बधाई,
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteअविनाश जी को बधाई, संजय बेगाणी जी
ReplyDeleteregards
संजय बैंगाणी
ReplyDeleteहैं बिल्कुल सही। पहचानने में कसर क्या रही। गले के गुटके ने सारी कथा कही।
मैं तो पहली बार आया हूं
पर बहुत खिलखिलाया हूं
बहुत मजा आ रहा है
पर लगता है अलबेला जी बहुत कंजूस हैं
हर रोज एक नकद इनाम
क्यों नहीं देते हैं
चाहे घटाकर पांच सौ रुपये
का ही कर दें इससे उन्हें छह सौ रुपये का लाभ ही होगा। विचार करें अलबेला जी, विचार मेरा नवेला जी। जब पहचानें तो हम रोज और नोट पायें सिर्फ एक रोज, यह कैसा रोज (गुलाब) है। अलबेला जी तो आफताब हैं।
अविनाश जी को बधाई ।
ReplyDeleteआपके इस ब्लॉग को इन्तजार है आपका, ब्लोगर की फोटो पहचान कर पुरस्कार जीतें! प्रति माह १,५००/- व १,१०० का पुरस्कार दिया जाता है,इस ब्लॉग पर रोज आकर सही जवाब दें विजेता बनें !
ReplyDeleteपक्के से बैगाणी जी ही हैं,उनके माथे पर जो बालों की दो लटें है,वही उनकी पहचान बता रही है।।
ReplyDeleteपहले नम्बर पर मेरा कमेंट है वहाँ संजय बेंगाणी लिखा माने
ReplyDeleteविशेष सूचना :~
ReplyDeleteयह तभी लागू होगा जब पहला कमेंट गलत होगा
पहली पहली बार आज देखी है यह पहेली. आईडिया तो धांसू है ,पर पहेली बडी फांसू है.
ReplyDeleteइस बार तो हमने मान ली है हारी, चलो आप ही हल कर दो ना!!!
अरविन्द चतुर्वेदी
hum bhi sanjay beganee hee kah dete hain...
ReplyDeleteक्या पहेली पूछने का समय बदल गया है क्या?
ReplyDelete