दोस्तों,इस ब्लोगर पहचानो पहेली के द्वारा मैंने आप सभी का इतना स्नेह पाया है जिससे मेरा दामन भी छोटा पड़ गया है,सारा स्नेह समेटने को । दोस्तों, आज मैं आमंत्रण दे रहा हूँ उन सभी ब्लोगर भाइयों को जो लगातार इस ब्लॉग से जुड़े रहे,नए दोस्तों को भी मैं आमंत्रण देता हूँ , मेरी कुछ उलझने है,कुछ सवाल हैं,जिसका जवाब केवल आपलोग ही दे
सकते हैं।
>जो दोस्त इस ब्लॉग पर शुरू से आते रहें हैं उनसे मैं जानना चाहता हूँ - कैसा लगा एक माह तक इस ब्लॉग पर आकर? आप अपनी फीलिंग्स बताएं !
>आपको क्या लगता है , ये ब्लॉग फिर से शुरू किया जाना चाहिए ?
>क्या इस ब्लॉग पर पुरस्कार राशिः बाँटना ही इसकी कामयाबी रही?
>अगर इस ब्लॉग को फिर से शुरू करना हो तो क्या पुरस्कार में नगद राशिःदेनी चाहिए?
>इस ब्लॉग पर जो नियम-कायदे बनाये गए थे ,उनमे क्या-क्या परिवर्तन किए जाने चाहिए?
>और सबसे अहम् सवाल -क्या आपको ऐसा महसूस हुआ की जो इस ब्लॉग का उद्देश्य था आपसी प्यार बढ़ाना , उसमे ये ब्लॉग कामयाब रहा है ?
>इस ब्लॉग में कहीं भी साहित्य के नाम पर कुछ भी नहीं है,तो क्या आपको लगता है की आप इस ब्लॉग पर आकर अपना वक्त बरबाद कर रहें हैं ?
>इस ब्लॉग को जारी करने में मेरे ४-५ घंटे चले जाते हैं,जिससे मेरे ख़ुद के कार्य पर प्रभाव पड़ता है, तो यदि कोई मेरी आर्थिक मदद करना चाहे तो क्या मुझे ये मदद लेनी चाहिए ?
>आप सोचते होंगे की मैं ये सब आपको क्यों बता रहा हूँ? तो मेरा मानना है की यहाँ सभी भाई-बंधू पढ़े-लिखे खुले दिमाग के है, आपसे बेहतर मेरा मार्ग दर्शन और कोई नहीं कर सकता है, आप की सलाह ही मेरा मार्गदर्शन करेगी तो आप अपनी सलाह जरूर दीजिये,मेरे लिए थोड़ा सा वक्त निकलकर अपना सुझाव दीजिये, आपका आभार मानूंगा, धन्यवाद !
आपका अपना
सुरेश शर्मा
कार्टूनिस्ट
---------------------------------------------------------
झाड़ू पोछा वाला रोबोट जो बिस्कुट हड़प गया
4 years ago
सुरेश भाई
ReplyDeleteसदर प्रणाम
बगैर लाग लपेट के लिख रहा हूँ
पहचानो कौन अच्छा मनोरंजन था
अच्छा क्रिअशन नहीं था
आप हिंदुस्तान के जाने माने कार्टूनिस्ट हैं
तमाम कार्टून प्रेमी आपके कार्टून्स रोज देखते हैं/देखना चाहते हैं
पहचानो कौन के ज़रिए अपनी प्रतिभा का भौंडा दुरूपयोग मत करो भाई
दरअसल जो लोग आपकी झूठी तारीफ कर रहे हैं
ओर जो महीने भर करते रहे वो भी इस बात से सहमत होंगे
प्यार बाँटना प्यार पाना एक नेक विचार है
इसमें पूरी सफलता मिली
लेकिन अब कार्टूनिंग में ही नया क्रिअशन मिलेगा ऐसी आशा है
सादर
प्रिय मनोज भाई, आप इस ब्लॉग पर आये, आपने अपना सुझाव दिया, आपका बहुत-बहुत आभार ! बाकी दोस्तों के भी सुझाव का इन्तजार है,आशा है,उनकी भी सलाह जरूर मिलेगी!
ReplyDeleteमनोज भाई ने सही कहा है आप अपनी ऊर्जा कि अपनी क्रिएशन मे लगायें और अपने कार्टून्ज़ से पाठकों का मनोरंजन करें शुभकामनायें आभार्
ReplyDeleteनिर्मलाजी, आपके सुझाव के लिए आभार!
ReplyDeleteचार-पांच घंटे लगाकर लोगों के चेहरे बिगाड़ने से क्या फायदा जी? आप तो अपना काम कीजिये. मतलब कार्टून बनाईये.
ReplyDeleteइस ब्लॉग को जारी करने में मेरे ४-५ घंटे चले जाते हैं,जिससे मेरे ख़ुद के कार्य पर प्रभाव पड़ता है,यह आपका कथन है, जाहिर सी बात है समय का सदुपयोग कर अपनी ऊर्जा को संचित करते हुए पूरे मनोयोग से अपने कर्मक्षेत्र में अपनी धाक यूं ही बनायें रखें ।
ReplyDeleteशुभकामनाएं
सुरेश जी
ReplyDeleteआपके ब्लोग ने चेहरे नही बिगाडे है बल्कि चेहरो पर चमक पैदा किया है. हम सभी ब्लोगरो के ब्लोग तो पढते थे पर ब्लोगर को पहचानने की जहमत नही करते थे पर आपके ब्लोग के कारण बहुत सारे ब्लोगरो को हम पह्चानने लगे है. आपसी भाईचारा व प्रेम को भी संयोजित किया है आपके ब्लोग ने.
पर मेरी भी राय यही है कि अगर इससे आपका कार्य प्रभावित हो रहा है तो आपको यह आयोजन स्थगित कर देना चाहिये और अपने कर्म मे रत हो जाना चाहिये. आप कार्टूनिस्ट है और यह एक महान विधा है आप उसे परिपुष्ट करे.
(यह मेरी व्यक्तिगत राय है ---- यह जानते हुए भी कि आपको राय देने की आवश्यकता नही है मैने उपरोक्त बाते लिख दी है, आप खुद सक्षम है अपना निर्णय लेने मे)
मेरे विचार से भी आप एक जाने माने कार्टूनिस्ट हैं और आपको उसी विधा को प्रसारित कर सबका मनोरंजन करना चाहिये. कभी कभार के हिसाब से यह ठीक रहा, मगर नियमित-शायद उचित नहीं.
ReplyDeleteशुभकामनाऐं.
ab kuch kahne ko hai nahi mera mat bhee bahumat ke saath hai
ReplyDeletehappy bloging
venus kesari
ये सच है कि आपकी इस कार्टून स्पर्धा में मनोरंजन भी था और इस से कुछ ब्लोगर्स आपस में प्यार मुहब्बत को बढ़ते हुए भी अनुभव कर रहे थे..........लेकिन सच ये भी है कि वह मनोरंजन सतही और क्षणिक था जबकि आप अपनी उर्जा को अगर सृजन में लगाते हैं तो दुनिया को ठोस और दीर्घायु मनोरंजन दे सकते हैं
ReplyDeleteइसलिए मैं भी यही चाहता हूँ कि आप अपने मूल सृजन पर ही ध्यान दें..........
मैंने केवल आपके कार्य को गति देने और एक कलाकार भाई को प्रोत्साहन देने की गरज से ही वह पहेली इनामी बनाई थी और आपको भी अन्य प्रोत्साहन राशि की पेशकश की थी..........क्योंकि जब पहली बार आपने मेरा कार्टून बनाया था तो उस पर कुछ ख़ास प्रतिक्रियाएं नहीं आयीं थीं ...उस पर लोगों का आना जाना बढे इस कारण वह पुरूस्कार मैंने घोषित किए थे..........
मुझे खुशी है कि आपने बीच में वह काम नहीं छोड़ा ..पूरा महिना चला कर ही विराम लगाया.......
_____वैसे सुरेशजी......आपको इतना और सुनिश्न्चित करना चाहिए था कि सीमा गुप्ता जी को पुरूस्कार राशि पहुँची कि नहीं .......क्योंकि मेरे पास न तो उन का कोई संपर्क सूत्र है न ही उन्होंने या आपने मेरी उस विशेह पोस्ट पर आकर बताया जिस पर कि 25 अन्य साथियों ने आपको बधाई दी है
कृपया यह सुनिश्चित करवा दें ताकि मैं निश्चिंत हो जाऊं .........
आपके लिए लाख लाख शुभ कामनाएं और बधाई !
आप अपने कार्टून से ही इस तरह का उपक्रम कर सकते हैं कि लोग आप तक पहुंचे। वैसे आपके कार्टून ही आपकी पहचान है। मेरे विचार से आपने कार्टून से ब्लॉग जगत के पाठक बढ़ाने में सहयोग दिया है। आपका आभार। किसी भी रूप में आप ब्लॉग दुनिया से जुड़े, चाहे किसी भी विधा से।
ReplyDeleteसभी दोस्तों का बहत-बहुत आभार ! मुझे ख़ुशी है की आपकी सलाह वही है, जिसे सोचकर मैंने इस ब्लॉग को बंद किया था. आज इस ब्लॉग का अस्तित्व समाप्त हो रहा है, पर आप सभी से मिलता रहूँगा, अपने कार्टूनों के साथ ! मैं श्री मनोज शर्मा जी, को विशेष रूप से धन्यवाद बोलना चाहूँगा,क्योकि उन्होंने सबसे पहले आकर पूरी सटीकता से अपनी सलाह दी !
ReplyDeleteYAH SAB HO KYA RAHA HAI ?
ReplyDeleteWishing you and your family a very happy, prosperous, and successful Deepawali. May this diwali bring all happiness sparkles to your life.
ReplyDeleteक्षमा करें, देर से घूमते घूमते आ गया.
ReplyDeleteमैं लोगों के इस बात से सहमत नहीं हूं कि आपको ये सब नहीं करना चाहिये.
हम एक कलाकार हैं, और सृजन करते रहते हैं.कभी तो यही हमारा प्रोफ़ेशन भी रहता है.
मगर हमें हमेशा ही एक लीक में जाकर सृजन नहीं करना चाहिये. विविधता ही सृजनात्मकता की कुंजी है. मनोरंजन भी ज़रूरी है, चूंकि हम सभी ब्लोगर यहां मात्र सृजन के लिये हे नहीं आते हैं.
दूसरी बात, आपका सृजन मेरे लिये जब तक मनोरंजन ना कर सके, मेरे लिये उसका स्रूजनात्मक महत्व क्या है. अगर दोंनों साथ साथ हों तो मज़ा दुगना. मेरे लिये स्रूजनात्मकता के कई दूसरे चेनल हैं, ब्लोग में तो स्रूजन और मनोरंजन दोनों ज़रूरी है.
आपसे मेरे मेल पर विचार जानना चाहूंगा:
dilipkawathekar@gmail.com
sir aaisa or koi blog hai to muje batye muje paiso ki jarurat hai
ReplyDeleteआपकी बेबाकी और ईमानदारी के लिए शुभकामनायें !
ReplyDeleteमनोज जी वाली बात ही मैंने आपको ये ब्लॉग शुरू करने पर कही थी....!आपकी प्रतिभा का सही उपयोग ही हम सब चाहते है!मेरी शुभकामनायें!!!
ReplyDelete