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हम उन सभी दोस्तों के भी आभारी हैं, जिन्होंने इस ब्लॉग से शुरू से नाता रखा और समय-समय पर अपने सुझाव से ब्लॉग को बेहतर बनने में अपना योगदान दिया! हम श्री अविनाश वाचस्पति, श्री समीर लाल, श्री एम् वर्मा, श्रीमती संगीता पुरी,सीमा गुप्ताजी, का आभार व्यक्त करते हैं!
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आज सभी दोस्तों से खास निवेदन है- आज की रात ब्लॉगवाणी पर जश्न की रात होनी चाहिए, खूब धूम मचनी चाहिए, जो इस ब्लॉग पर रोज आते रहें हैं उन सबको कसम है रात दो बजे तक कोई बिस्तर पर नहीं जाएगा,मैं आदेश नहीं दे रहा हूँ, अपनी एक माह की मेहनत का पुरस्कार मांग रहा हूँ, ....आप देंगे ना ?
आप सभी दोस्तों से -अगर आप शेरो - शायरी के अच्छे जानकार हैं तो आज की रात एक दौर चला दीजिये शायरी का ! कोई अच्छी कविता, ग़ज़ल, चुटकुले, जो भी आप जानते है, हमारे इस ब्लॉग पर प्रस्तुत कीजिये! आपका स्वागत है इस ब्लॉग पर! मैं शुरू से कहता आ रहा हूँ- प्यार दीजिये,प्यार, पाइए, यही इस ब्लॉग का मकसद है!





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आज हम आपके सामने दो-दो विजेताओं को ला रहें हैं, ये वो पल हैं जिसके लिए हम सभी ने एक माह तक इन्तजार किया है ! तो दोस्तों सबसे पहले हम ला रहे है १,५००/- की विजेता को, स्वागत करें इनका और करें बधाइयों की बौछार, ऐसी बौछार जिसे विजेता हमेशा याद रखे, ये पल ,ये घड़ी कभी ना भूल पाये!
तो इन्तजार ख़त्म.... भाग्यशाली विजेता का स्वागत करें....
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ब्लोगर पहचान पहेली की १,५००/- की विजेता हैं.......


सीमाजी, आपको बहुत-बहुत बधाई, शुभ कामनाएं, आज इस ब्लॉग पर आपकी रचनाओं का आगमन होना चाहिए एक नहीं, बारी- बारी से कई! जवाब में आपके लिए भी हमारे मित्र अपनी रचना प्रस्तुत करेंगें, हमें अविनाशजी पर भरोसा है ,
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अब बारी है १,१००/- के विजेता की...तो इस पुरस्कार को जीता है......
श्री अविनाश वाचस्पति ने (आपको


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सीमा गुप्ता ने सबसे अधिक टिप्पणिया (कुल-४५) प्राप्त की हैं !
अविनाश वाचस्पति ने सबसे अधिक टिप्पणिया भेजी (कुल-१११)
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श्री अलबेला खत्री जी,आपके पास तक पुरस्कार राशिः जल्द से जल्द भेजेंगे!
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१५००/- की प्रथम विजेता सीमा गुप्ता जी को ढेर सारी शुभ कामनाएं व बधाइयाँ!
ReplyDeleteपहेली के दुसरे विजेता श्री अविनाश वाचस्पति को ढेर सारी शुभ कामनाएं व बधाइयाँ आपको १,१००/-की राशिः का विजेता घोषित किया गया है !
ReplyDeleteसीमा जी और अविनाश जी को बहुत बहुत बधाई । अविनाश जी इतनी टिप्पणियाँ दे गये - वाह !
ReplyDeleteदोनो विजेताओं को बधाईयाँ और आपको भी इस बेहतर संचालन के लिए।
ReplyDeleteseemaji ko bahut bahut badhai......
ReplyDeleteदोस्तों, केवल बधाइयाँ नहीं,इस ब्लॉग पर आकर कुछ दिल की बातें भी कर जाएँ, यहाँ कोई पराया नहीं, कोई बेगाना नहीं, सभी अपने है, अपने दिल का हाल बिंदास बयां कर जाएँ!
ReplyDeleteसीमा जी , अविनाश जी , अलबेला खत्री जी और आपको बहुत बहुत बधाई .. आपकी अगली सूचना का भी इंतजार है !!
ReplyDeleteबधाई ! बधाई !! बधाई !!!
ReplyDeleteसीमा जी को असीम बधाई !
अविनाश जी को अनन्त बधाई !
सुरेश जी शर्मा जी को अपार बधाई !
और सभी साथियों को अपरमपार बधाई !
____खुशियों का है मेला
____बधाइयों की है बेला
____मौसम है अलबेला
मुबारक हो सब को समा ये सुहाना
मैं खुश हूँ मेरे आंसुओं पे न जाना
मैं तो दीवाना...दीवाना......दीवाना........हा हा हा हा
सुरेश जी
ReplyDeleteसबसे पहले तो आपको अपार बधाई.
आपने ही तो सबकी तस्वीर बनाई
आपकी मेहनत का ही परिणाम था कि
यह प्रतियोगिता लोकप्रिय हो पाई.
इसलिये मानो न मानो सबसे पहले
सुरेश जी को अपरम्पार बधाई
उसके बाद
ReplyDeleteसीमा जी को बधाई.
क्या जादू था जो
आप इतनी टिप्पणी पाई
हो सके तो हमारे हिस्से की
भेज देना मिठाई
एक बार फिर सीमा जी को
बहुत बहुत बधाई
अलबेलाजी, आपके लिए-
ReplyDeleteगर बह रहे हैं आंसू ,
तो ये खुसी के आंसू हैं,
इनमे प्यार है,निस्वार्थता का भाव है,
ये ऐसे वैसे आँसू नहीं,
इनमे गंगा की पवित्रता है,
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आप इस ख़ुशी की बेला में मुझे भी रूला दोगे क्या...?
वर्मा जी, बहुत रोकना चाह रहा हूँ,अपने आपको पर आपलोगों के प्यार ने तो रूला ही डाला , मैं कहाँ रखूं , आप सभी का इतना प्यार? मेरे दामन में तो इतनी जगह भी नहीं.....!
ReplyDeleteअब तो मै वाचस्पति जी की (सादर)
ReplyDeleteखबर लूंगा
मै तो इन्ही के घर के सामने
एक घर लूंगा.
आपकी टिप्पणियो ने
हमारी टिप्पणियो की
धज्जिया उडाई
पर आपकी टिप्पणिया
हमे तो बहुत भाई
इसीलिये आपको
दे रहा हूँ मै आज
आपको दिल से बधाई.
वाचस्पति जी को बधाई
सम्मान्य सीमा गुप्ताजी,
ReplyDeleteएवं
प्रिय अविनाश वाचस्पतिजी,
कृपया आप अपना बैंक खाता क्रमांक और बैंक का नाम, शाखा सहित शीघ्र अति शीघ्र मुझे मेल करदें ताकि आपकी पुरुस्कार राशि तुरन्त प्रेषित की जा सके ।
मेरा e mail पता है :
info@albelakhatri.com
albelakhatri@hasyahungama.com
_______________आशा है आप सहयोग करेंगे.............पुनश्च बधाई !
सुरेश जी
ReplyDeleteआपने जो प्यार बांटा है
इस व्यापार मे तो
कभी भी नही घाटा है
दो लगाओ तो चार मिलता है
साईकिल मांगो तो कार मिलता है
इस व्यापार मे तो
जीवन का सार मिलता है
हम तो अभिभूत है
आपके प्यार भरे आमंत्रण का
इसीलिये आप ही सबसे बडे
बधाई के पात्र है.
सीमा जी,अविनाश जी एवं अलबेला जी...तीनों को बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteअविनाश भाई, कहाँ है आप ? मिठाई बाँटने के डर से छुप गए क्या?
ReplyDeleteआ जाओ ..आ भी जाओ,
तुम बिन न जी सकेंगे,
तुम बिन न मर सकेंगे.
आ जाओ, आ भी जाओ...!
1100 मे 1100 मिलाईए
ReplyDeleteहम सबको मिठाई खिलाईए
वाचस्पति जी अब तो आईए
आया हूं भाई मैं आया हूं
ReplyDeleteमिठाई खाता नहीं हूं पर
खिलाने में ही आनंद पाता हूं।
सुरेश जी की सिर्फ
जाओ जाओ जाओ
ही गूंज रही थी।
पर मैंने सिर्फ
ओ ओ ओ
ही सुनी।
इसलिए बंदा हाजिर है
पप्पू पास हो गया।
सीमा जी ने जीतने की
तोड़ दीं सभी सीमाएं
बिना मय के हमारी
मंगलकामनाएं।
अलबेला जी
मेरे खाते हैं तीन
तीनों नेटबैंकिंग से
होते हैं ऑपरेट
क्या सबके नंबर मेल कर दूं
आप सब खातों को भर देंगे
माल तर देंगे, तरबतर कर देंगे।
खबर आप लेंगे
ReplyDeleteमैं तो सब ब्लॉगर्स को वर लूंगा
आप खबर लेंगे
मैं उन्हें खबरदार कर दूंगा।
एम वर्मा जी आप मेरे घर के सामने घर लेंगे
पर मैंने तो आपको अपने दिल में घर कर लिया है
हम तो घर में भी घर कर लेंगे
आपका स्वागत है
दिल्ली दिलवालों की है।
अभी एक कार्य में बुरी तरह व्यस्त हूं
इसलिए कल शाम को पूरे धमाके के साथ
उपस्थित होऊंगा।
एक रचना सुरेश जी के पास भेजूंगा
पप्पू की करतूत या करामात
उसे वे खुद ही ब्लॉग पर पोस्ट करें
पर सिर्फ कल शाम तक इंतजार करें।
सबके प्यार का आभार कैसे प्रकट करूं
आंखों के कोर गीले हो गए हैं
आप सब का प्यार महसूस कर।
वाचस्पति जी,जल्दी आइये,१,१००/- के
ReplyDelete२,२००/- हो गए, और देरी का मतलब है,
हम सब को ४४००/- की मिठाई खिलाइए !
अविनाश भाई, अलबेलाजी को क्यों परेशां कर रहे हो,
ReplyDeleteअंगुली छूने की बात थी, पूरी कलाई पकड़ रहे हो ?
क्या ऊंगली
ReplyDeleteक्या कलाई
हम तो
मिलेंगे
गले भाई।
गले मिलना
ReplyDeleteगले मिलना ही है
गले पड़ना नहीं।
मिठाई खाने वाले तो तैयार हों
रुपये पैसे की न करें फिक्र
मैं मिठाई की दुकान पर
कर दूंगा खड़ा
जिसको जितनी खानी हो
जो जितनी खा सके
पूरी आजादी रहेगी
कोई सीमा नहीं रहेगी
हां, सीमा गुप्ता जी जरूर होंगी
वे भी तो मिठाई खा रही होंगी।
आपकी बातों से आँखें भर आई,
ReplyDeleteइसी को प्यार कहते है अविनाश भाई !
सीमाजी की कुछ मजबूरियां हैं,उनसे फोन पर बात हुई है, वे भी हैं, अभिभूत, ख़ुशी से उनकी भी आँखें बह रहीं हैं बहुत ! वे आज ना आ पाएँगी, आपकी बधाईयाँ कल दामन में समेट ले जाएँगी
ReplyDeleteअभी तो आंखें भरी हैं
ReplyDeleteहम आपका मुंह भी भर देंगे
रसगुल्लों से तर कर देंगे
फिर पूछेंगे सबसे
बताओ तो जानें
पहचानो तो मानें
उस पर भी अलबेला जी
एक पुरस्कार जरूर घोषित कर देंगे।
"कृपया आप अपना बैंक खाता क्रमांक और बैंक का नाम, शाखा सहित शीघ्र अति शीघ्र मुझे मेल करदें||"
ReplyDelete@ अल्बेला जी,
लगे हाथ अकाऊँट पासवर्ड भी माँग लीजिए.......वहीं से पैसा निकाल निकाल कर पुरूस्कार बाँटने के काम आएगा:)
गणपति बाप्पा मोरिया
ReplyDeleteगणपति बाप्पा मोरिया
उड़न तश्तरी वाला बाबा जाग रिया के सो रिया
गणपति बाप्पा मोरिया
गणपति बाप्पा मोरिया
टिप्पणियों में कविताई से वाचस्पति हिट हो रिया
गणपति बाप्पा मोरिया
गणपति बाप्पा मोरिया
@ अविनाश जी,
ReplyDeleteआपके पास जो टिप्पणी मशीन है,यदि अच्छे दाम मिलें तो क्या आप उसे बेचना चाहेंगे? यदि नहीं भी बेचना चाहें तो कम से कम कुछ दिनों के लिए ही सही भाडे पे तो दे ही सकते हैं:)
seema ji aur avinash ji ko badhai inaam jeetne ke liye....
ReplyDeleteaur apko itne acche sanchalne ke liye badhai...
....alnela khatri ji ko dhanyvad...
12 baje hai...
2 hours more to go.
:)
हमारी तरफ़ से सीमा जी , अविनाश जी , अलबेला खत्री जी ओर बाकी पुरी टीम को सुरेश शर्मा जी ओर बाकी आयोजको को बहुत बहुत बधाई, अजी आप दो बजे तक कया हम दो दिन जागने को तेयार है.
ReplyDeleteमैं..समझ गया...ना तो सीमा जी को ना ही अविनाश भाई को नकद ईनाम में कोइ इंट्रेस्ट है..अलबेला जी...मेरा खाता नम्बर तैयार है..अभी बताता हूं..अरे मेल वेल छोडिये..मैं तो फ़ोन कर लेता हूं..अरे इत्ता खर्च तो किया ही जा सकता है.....आप कहोगे तो बाद में अविनाश भाई और सीमा जी को भी दे सकते है..कहिये क्या ख्याल है..
ReplyDeleteभाई डी,के शर्मा जी, आप तो अविनाशजी से उनकी तिजोरी की चाबी ही मांग रहें हैं, क्यों, उनका टिपियाने का खजाना खली करने का इरादा है क्या..?
ReplyDeleteराज भाटिया जी, आपका स्वागत है, हमें समीरजी और आपकी कमी खल रही थी, आप आये..बहार आई !
ReplyDeleteवाह जी वाह! सबको बधाई
ReplyDeleteSabhi ko hamaari SHUBHKAMNA. par JASHN BLOGVANI par samajh men nahin aaya.
ReplyDeletehamen to is kaaran bhi samajh nahin aaya ki lagbhag 50 se aaspaas mail karne ke baad bhi hamaare BLOG ko abhi tak shamil nahin kiya gayaa.
KHAIR.
SABHI KO SHUBHKAMNAYEN.
राज भाटिया जी, आपका स्वागत है, हमें समीरजी और आपकी कमी खल रही थी, आप आये..बहार आई !
ReplyDeleteभाई कुमारेंद्रजी, आपकी पीडा हम तक पहुंची है,हमें अच्छा लगा आपने अपने दिल की बात बताई , आप का ब्लॉग भी ब्लोग्वानी पर शामिल होना ही चाहिए, आप हमारे मित्रों के संपर्क में आ गए हैं तो आपकी समस्या का समाधान भी होगा, मैं अविनाशजी से प्रार्थना करता हूँ इनकी समस्या सुलझाएं !
ReplyDeleteभाई सुनील जी, सुनील डोंगर तो सही है, पर आपने ये जालिम क्यों लगा रखा है ? हमारी समझ में नहीं आया, आप बताइए न, आप का स्वागत है इस ब्लॉग पर!
ReplyDeleteअभी डेढ़ घंटा और जागना है, क्या करून? चलो अविनाश पचीस पढ़ लेता हूँ-
ReplyDeleteअविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई!
अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई!
अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई!
अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई!
अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई!
अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई!
अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई!
अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई!
अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई!
अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई!
अविनाश वाचस्पति को बधाई! अविनाश वाचस्पति को बधाई!
अविनाश वाचस्पति को बधाई!
आपलोग शर्मा रहे हो, तो मुझे ही कुछ कहना होगा-
ReplyDeleteसमुन्द्र की लहरें कभी,
आसमान को न छू पायेगी,
प्यार कभी न (पराई से ) करना दोस्त,
जिंदगी रूठ जायेगी !
सीमा जी और अविनाश जी को बहुत बहुत बधाई ।
ReplyDeleteदोस्तों, आप सभी का आभार! आप अब आराम करें, मैं भी चला सोने..शुभ रात्रि!
ReplyDeleteसमीर भाई, कहाँ रह गए थे आप? देखिये आपकी राह देखते हम अभी तक जाग रहे हैं!
ReplyDeleteनयी खबर देने के लिए और कितना जगाएंगे ..मैं तो चली सोने !!
ReplyDeleteसीमा गुप्ता जी और अविनाश जी को बधाईयों का जखीरा !
ReplyDeleteहम आए हैं देर से क्योंकि थी नाईट शिफ्ट
ReplyDeleteजल्दी लाईए, कहाँ है हमारा हिस्सा-ए-गिफ्ट
आखिर दो बार हमें पहचानना पड़ा था ना :-)
बहुत बहुत मुबारक हो सीमा जी और अविनाश जी को यह बेला।
अलबेला जी ने भी अनूठा कर दिया यह खेला
लेकिन हैं हम उदास, मिला ना एक भी धेला
अकेले अकेले मत खाओ जी ।
ReplyDeleteटिप्प्णीकारों को भी तो कुछ दिलाओ जी ।
बहुत अच्छे माल तो सीमाजी और अविनाशजी ले गये और सब बस देखते ही रह गये बधाई।
ReplyDeleteहमारी टिप्पणियाँ कहाँ गईं ...हम तो रोज़ ही टिपियाते थे ....? ज़रूर इन्हें गायब करवाने के पीछे विदेशी ताकतों का हाथ है
ReplyDeleteकिसी कारण वश कल इस जश्न और ख़ुशी में शामिल नहीं हो सकी मगर आज आप सब की बधाई संदेश पढ़ कर ख़ुशी चार गुना बढ़ गयी है. ऐसा महसूस हो रहा है जैसे कभी पहली या दूसरी कक्षा में प्रथम आने पर हुआ करता था. माना की उम्र बढ़ गयी है....मगर ये चंचल मन कही न कही उसी बचपन को खोजता रहता है ......उन्ही खुशियों की तलाश करता है जो कभी एक खिलोने या टाफी से खुश हो जाया करता था.
ReplyDeleteवही मन आज वही स्नेह भरा माहोल पा कर खुशियों की उन्हों बुलंदियों को छु रहा है जैसे. आदरणीय सुरेश जी की दिल से आभारी हूँ जिन्होंने अपने ब्लॉग पर मुझे मौका दिया और इस ख़ुशी का एक हिस्सा मेरे दामन में भी आ गया.
regards
श्री अलबेला खत्री जी को हार्दिक बधाई जिनके योगदान से आज यहाँ एक समा बंध गया और सभी को ख़ुशी से झुमने का अवसर मिला.
ReplyDeleteregards
तालियाँ तालियाँ तालियाँ तालियाँ तालियाँ तालियाँ तालियाँ तालियाँ तालियाँ तालियाँ ये तालियाँ आदरणीय अविनाश वाचस्पति जी के लिए जिनकी टिपण्णी ने सारे रिकॉर्ड तोडे और और वे विजेता बने. हार्दिक शुभकामनाओ के साथ
ReplyDeleteregards
फिर उसी शाख़ पर"
ReplyDeleteगीत कोई आज, यूँ ही गुनगुनाया जाए,
शब्दों को सुर-ताल से सजाया जाए
बेचैनियों को करके दफ़्न
दिल के किसी कोने में,
रागिनियों से मन को बहलाया जाए
ख़ामोशी के आग़ोश से
दामन को छुड़ा कर, ज़रा,
स्वर को अधरों से छलकाया जाए
शक्वों के मौसम को
करके रुख़सत दर से
मोहब्बत की चाँदनी में नहाया जाए
उजालों के आँचल में
सज कर सँवर कर
आईने में ख़ुद से ही शरमाया जाए
परदए-नाज़ो-अंदाज़
उनको दिखलाकर,
ख़िरामा ख़िरामा चल कर आया जाए
बर्क़ को न देकर के
ज़रा भी मोहलत,
फिर उसी शाख़ पर नशेमन बनाया जाए
(शक्वों = शिकायतों
ख़िरामा = आहिस्ता
बर्क़ = बिजली
नशेमन = घोंसला )
regards
अंत में सभी आदरणीय जनों का जिन्होंने यहाँ आकर हमारी ख़ुशी में शामिल होकर आज हमारा हौसला बढाया और अपने बधाई संदेश अंकित किये, दिल से आभार और शुक्रिया.
ReplyDeleteregards
चलिए सीमा जी खुश हुई .. तो इतनी सुंदर कविता सबों को सुनने को मिली !!
ReplyDeleteएक और सूचना आप सब को देनी है जिसे मैं टिपण्णी के द्वारा आप तक पहुँचा दूँगा , जश्न की समाप्ति के समय रात २ बजे तक!
ReplyDeleteअभी तक मैं इंतजार ही कर रही हूं !!
nice
ReplyDeleteदोस्तों, रात १ बजकर ४५ मिनट तक हम जगे हुए थे,श्री समीरजी की टिपण्णी प्राप्त होने के बाद मैंने उन्हें जवाब दिया,फिर ये सोचकर की सभी अब सो गए होंगे , मैं भी सोने चला गया, पर शायद संगीता पुरी जी जागती रह गई, ! हम संगीता जी से माफ़ी चाहते है, हमारे कारन उन्हें कष्ट हुआ! संगीताजी, मैं वो सूचना अब दे रहा हूँ-
ReplyDeleteमैं सभी से माफ़ी मांगते हुए ये बताना चाहता हूँ की, अब आगे इस ब्लोगर पहचान पहेली को मैं जारी नहीं रख पाऊंगा,क्योंकि, एक कार्टूनिस्ट होने के नाते मेरे पास समय का अभाव है, मैंने जब ये पहेली शुरू की थी तब मुझे ये पता नहीं था की इस पहेली के पीछे मेरे कई घंटे चले जायेंगे, और मेरा अपना कार्टून बनाने का काम प्रभावित हो जाएगा, बतौर कार्टूनिस्ट ही मैं अपनी रोजी-रोटी प्राप्त करता हूँ और इस पहेली को लाने के बाद मैं कार्टूनों के लिए समय नहीं निकल पा रहा हूँ,मनोरंजन के लिए तो ये पहेली ठीक है, आपसी प्रेम भी इसके द्वारा बढा पर मेरे काम में बाधा आने लगी,अगर सच कहूं तो ये पहेली मुझे नाम शोहरत तो दे सकती है पर मेरा मेरे परिवार का पेट नहीं पाल सकती, सो मुझे अपने कदम वापस खींचने पड़ रहे हैं, मैं श्री अलबेला खत्री समेत सभी दोस्तों से कहना चाहता हूँ- हो सके तो हमें माफ़ कर देना!
स्वागत है आपका सीमाजी और पाबलाजी
ReplyDeleteप्रतीक्षा में सुरेश जी का मन था बावलाजी
अब सब अपना अपना दिमाग लगाओ........
और कोई बढ़िया युक्ति हो तो सुझाओ ........
कैसे इस सिलसिले को और रोचक बनाया जाए.....
और इसे एक हँसती गाती चौपाल बनाया जाए.......
__
_____
सुझाव का स्वागत किया जाएगा
और
जो सुझाव
स्वीकृत होगा
उसे पुरुस्कृत भी किया जाएगा
__आओ मिल जुल कर इसे और भी अच्छा बनायें
---सारे ब्लॉगर्स को एक ही जगह सस्नेह बुलायें
भाई सुरेशजी आपने तो हमें उदास कर दिया.......
ReplyDeleteएक ही झटके में पूरा किस्सा खलास कर दिया...
ये सच है कि आपका बहुत समय लगता है
बदले में इस मेहनत के कुछ नहीं मिलता है
लेकिन ये कोई भयंकर लाचारी नहीं है
मर्ज़ है ,पर ला इलाज बीमारी नहीं है
हम बात करेंगे........
वार्तालाप करेंगे
और
और आपका ये प्रोग्राम किसी से स्पोंसर करवा देंगे........
आपको पूरा नहीं तो आधा मुआवजा दिलवा देंगे.......
सब तालों की चाबी अर्थ है
अर्थ बिना सब व्यर्थ है
____________आप चिन्ता न करें...........
हम साथ साथ हैं..........
आपके लिए लाख लाख शुभ कामनाएं...........
और
धन्यवाद.............
waah avinash ji seema ji, aaj to maja aa gaya party sharty honi chahiye....
ReplyDeletemeet
शर्मा जी घबराये नही
ReplyDeleteशर्माये नहीं
भरमाये नहीं
बस हमें थरथराये हैं।
मैं तो कोई खुशखबरी सुनने के लिए जगी हुई थी .. मुझे पता होता कि दुखभरी खबर सुननी पडेगी .. तो जगने की क्या जरूरत थी .. खैर कोई बात नहीं .. पारिवारिक जबाबदेहियों को पूरा करना हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए !!
ReplyDeleteआदरणीय सुरेश जी .....ये कैसी खबर दी है आपने.....हम तो निशब्द हो गये आपके इस निर्णय पर...ये तो सोचा ही नहीं था की कल की ख़ुशी कुछ पलो की होगी. जीवन यापन के लिए कमाना तो अनिवार्य है ही इसमें कोई दो राए नहीं है. फिर भी अगर कोई बीच का रास्ता निकलता हो तो एक बार सोचियेगा जरुर. सभी आपके साथ हैं.
ReplyDeleteregards
श्री अलबेलाजी,अविनाशजी, संगीताजी और सीमाजी, कौन छोड़ना चाहेगा इतना प्यार,मान, सम्मान,पर इससे पेट की आग तो नहीं बुझेगी, मैंने बिना किसी लाग-लपेट के अपना पहलू रखा है, आप हमारी मजबूरियों को समझें, हम भी ये प्यार के रास्ते छोड़ना नहीं चाहते, पर छोड़ना ही होगा, ये हमारी मजबूरी है, मैंने आपलोगों का दिल दुखाया है, मैं आप सभी का अपराधी हूँ, आपकी अब जो सजा होगी भुगतने को तैयार हूँ!
ReplyDeleteप्रिय सीमा बहन,
ReplyDeleteमैंने ये फैसला आज से तिन-चार दिन पहले ही कर लिया था, अगर मैं रूका हुआ था तो सिर्फ इसलिए की मुझे ३० ब्लोगों को पूरा करना था,इसे इसके अंजाम तक पहुंचा देना था, कल मैंने इस बात को जाहिर कर देना ठीक नहीं समझा था, क्योकि इससे कल की ख़ुशी में बाधा पहुँचती! एक बहन की खुशियाँ कैसे छीन लेता मैं? ऐसा तो बूरा से बूरा भाई भी ना करता,मैं आपका भी गुनाहगार हूँ, क्योंकि मैंने आपको भी अँधेरे में रखा, हो सके तो हमें माफ़ कर देना, और हाँ, मेरे हिस्से की मिठाई अपने किसी पास के भाई को खिला देना, हम समझेंगे हमने खा ली! अलविदा !
आदरणीय सुरेश जी....बहन भी कहा और साथ ही अलविदा भी??????????????? कल दिल तोड़ देने का दुःख था आपको और आज नहीं??????? आप अपना दायित्व निभाइए.....हम किसी भी काम आ सके तो भी कहियेगा..और हाँ अब मिठाई खाने का किसका दिल करेगा. !!!!
ReplyDeleteregards
नन्ही लेखिका कि बड़ी वाली बधाइयाँ स्वीकार करें !!!!!
ReplyDeleteमुझे दोनों से ट्रीट चाहिए, नन्ही नहीं, बड़ी वाली ट्रीट !!!
:)))))
yaaaaaaaaaaaaaaaaaaay!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
wooohoooooo !!!
विजेताओं को ढेर सारी बधाई...जो विजेता बनने से रह गए उनकी ढेर सारी हौंसला अफजाही....ये पहेली बहुत ही लोकप्रिय और कामयाब रही...इस से जुड़े सभी लोग भी बधाई के पात्र हैं...
ReplyDeleteनीरज
द्स बज गये
ReplyDeleteसुरेश जी को नही आना था ---
आज ये तो भूल ही गया था
वर्मा भाई, मुझे माफ़ कर दो ! इतना भी प्यार ना दो की मैं सह न सकूं! आपकी जगह इस दिल में है ,हमेशा रहेगी,..देख लो, आवाज देकर, पास अपने पाओगे!
ReplyDeleteसुरेश जी गए कहां है जो आएंगे
ReplyDeleteवे दिल में बसे हैं ऐसे कि निकालना
चाहेंगे तो भी निकाल न पायेंगे
वैसे निकालना कौन मरदूद चाहता है ?
@ एम वर्मा
आपको रोग लग गया है
भूलने का या याद न रहने का
वैसे अगर भूल ही गए तो
याद क्यों आया
इसका मतलब अभी रोग
बीच में ही है
गंभीर नहीं हुआ है।
आप यादे योग किया कीजिए
अलबेला जी करते हैं
मैं भी करता हूं
टिप्पणी करें वे जो
यादे योग के बारे में
अच्छी तरह जानते हैं।
seemaajiji, avinash ji ko hardik badhaiyaan |
ReplyDeleteaaj pehli baar ish blog par aane ka avsar parapat hua, jada to nhi dekh saka yaha but jo dekha wo hi samjhne ke liye kafi raha . seema ji ke alava oro ki bhi kuch batte padhi but seema ji ka parsanshak hu to jada tar unhi ka likha hua padh raha tha. suresh ji or seema ji ki kuch batte padhi, unki baate dekh kar sochne laga issi problem ki wajha se main bhi online nhi ho pata or yahi haal sab ka hai, aaj ki is bhag dod ki jindgi main hum apna sab kuch khtam karte ja rahe hai, (apni kuhsi apna .savasthya,aadi... )lekin suresh ji se kehna cahunga ki kirpya karke thoda bahut waqt nikal kar apni kuhsiya or apane dosto ki kuhsiyo par bhi dhiayan de, taki aapki or apke dosto ki thakan or tensan kam ho shke.. dosto ki kuhsiya humari presaniya kam karne me kafi had tak sahyak hoti hai.. biswas kare. aap sabhi mahanubhawo se anurodh karunga ki aaj se mujhe bhi apna dost samjhe or mere layak koi sewa ho to kirpiya karke mujhe sewa ka moka awasiya de. mujhe aati parsanta hogi aapke kisi kaam aa shka to.
ReplyDeletekirpiya mera naam or cell no kar le or sewa ka moka de
Mukesh Garg
09810613720
suresh ji jab aapne liye apne dosto ke dilo me itna pyar or saman peda kar hi diya hai to usko we log kiya aap bhi nhi buhla shakte, main sahi keh raha hu na?
ReplyDeletevijetaoo ko badhiya deni buhl gaya tha uaske liye main aap sab se chma chata hu..
ReplyDeleteseema ji or avinash ji ko dher sari badhiya or un sabhi ko bhi jinhone ish paheli me hisa liya.
badhiya savikar kare........